मौजूदगी

alone
Love and remembrance

वो शामें आज भी करवटें लेती हैं,

तुम्हारी बात दिल से निकलते,खामोशी बन जाती हैं

तुम हो ना हो जिंदगी में, दिल कहां ये बाहर की बात समझ पाता हैं,

वो तो बस तुम्हारा दिल मेंं होना पहचान पाता हैं

दिल मेंं होना पहचान पाता हैं।

Published by dreamywomanblog

Few words untold

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