बरसात और बर्तन साफ़ करती में धीमासा गाना रेडियो पे मुझे काम ख़त्म करने में आसानी से अपने संगीत से मदत कर रहा था। बारिश के दिनों में बड़ा मजा आता है बर्तन धोना बड़ा रोमांटिक सा ख्याल हैं। पानी की वो ठंडी फुआर हातों को ठंड़ासा अहसास,बारिश का आवाज, ख़ास धीमे धीमे गाने रेडियो के और मेरा तुम्हारी यादों में खो जाना।
कॉलेज में थे तब मेरा तुम्हारी आँखों से मिलना जैसे रोज तय था। किसी दिन तुम ना दिखे तो मेरा दिल उदास होना भी तय था। रोज तुम्हारी राह देखना जिस रास्ते पे से तुम्हारा आना जाना था वहां नजरें टिका के रखना,बस यहीं दिल का काम था। कितने सुहाने थे वो प्यार के दिन जब आप हमसे अनजान थे। एकतरफ़ा मोहब्बत हमें सुकून देती थी। आज भी वहीं एहसास,सुकून और तुम्हारी याद।
रात की ख़ामोशी में बारिश की फुआरों को खिड़की से देखते खयाल मन में जागा,
“प्यार एक तरफ़ा हो या दो तरफ़ा सच्चा प्यार हैं तो पूरी जिंदगी आपको सुकून देगा,ख़ुशी देगा।”
बहुत ही अच्छा लिखा है आपने।
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Thank you Rajani ji
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क्या बात बहुत सही।👌👌
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Thank you Madhusudan ji.
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