अंजानापन

ये कैसा अनजानापन है जो लोग मदत के वक़्त दिखाते है , वह कैसा अनजानापन है जो दर्द में रोते हुयें को देखके लोग अजनबी बन जाते है यह कैसा अनजानापन है जब दिल्लगी ख़तम हो जाये तो प्यार पीठ दिखाए वह कैसा अनजानापन है जो ग़रीब और दौलतमंदों के बिच में है यह कैसाContinue reading “अंजानापन”